मुकुल कानिटकर

मैत्रेयी गुरुकुल का अनुभव् अत्यंत अद्भुत रहा । बािकाओं का आनन्द, उल्लास, व ज्ञान पावित्र्य से परिपूर्ण है । ऐसी मातृशक्ति ही भारत का पुनः नवोत्थान कर सकेगी । यहाँ आकर आत्मविश्वास द्विगुणित हो गया कि शीघ्र ही भारत में गुरुकुल शिक्षा मुख्यधारा की शिक्षा बन जाएगी । तथा मा भारती विश्वगुरु बन कर पुनः सम्पूर्ण मानवता का मार्गदर्शन करेगी ।